एक मुहब्बत की अधूरी ख़्वाहिश..... एक मुहब्बत की अधूरी ख़्वाहिश.....
"""हाँ , मैं बहुत डरती हूँ""" """हाँ , मैं बहुत डरती हूँ"""
""भूख मेरे समझ के परे हैं "" ""भूख मेरे समझ के परे हैं ""
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
दो बूँद दो बूँद
ये हसीँ बरसात की घड़ी दो घड़ी, प्यार की सौगात की घड़ी दो घड़ी। ये हसीँ बरसात की घड़ी दो घड़ी, प्यार की सौगात की घड़ी दो घड़ी।